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वन अधिकार अधिनियम (वन अधिकारो की मान्यता)

दिनांक : 01/04/1995 - | सेक्टर: ग्रामीण

वन में निवास करने वाले ऐसे अनुसूचित जनजातियो एवं अन्य परम्परागत वन निवासियो के जो वन क्षेत्रो में पीढियो से निवास कर रहे हैं, किन्तु उनके अधिकारो को अभिलिखित नही किया जा सका हैं । वन अधिकारो एवं वनभूमि में अधिभोग/निवास को शासन स्तर पर मान्यता देने तथा उपयोग हेतु अतिक्रमित भूमि का निवास एवं जीविकोपार्जन हेतु अधिकार सौपने के लिए यह नियम लागू किया गया ।

लाभार्थी:

01 अनुसूचित जनजाति के लिए 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व का काबिज होना । 02. अन्य परम्परागत वन निवासी 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व कम से कम 03 पीढियों तक प्राथमिक रूप वन या वनभूमि में निवास करता रहा है ।

लाभ:

निवासी को वन अधिकार अधिनियम के तहत कृषिभूमि में आवासीय हक प्रमाण पत्र दिये जाते है।

आवेदन कैसे करें

प्रारूप क में आवेदन ग्राम सभा/ग्राम पंचायत को प्रस्तुत करना ।