गन्ने का रस
प्रकाशन तिथि: 14/05/2025गन्ने का रस अपने प्राकृतिक शर्करा और खनिजों के लिए मूल्यवान होता है, जिसमें लोहे, मैग्नीशियम, फास्फोरस और कैल्शियम का समावेश होता है। इसमें मैलिक एसिड और सक्सिनिक एसिड जैसे कार्बनिक अम्ल भी होते हैं, जो इसके पोषण प्रोफ़ाइल में योगदान करते हैं। बैतूल जिले में गन्ने के रस और इससे जुड़े उत्पादों जैसे गुड़ […]
औरदो दिवसीय जिला स्तरीय स्वास्थ्य मेला
प्रकाशन तिथि: 25/05/2022दो दिवसीय जिला स्तरीय स्वास्थ्य मेला कलेक्टर श्री अमनबीर सिंह बैंस द्वारा दो दिवसीय जिला स्तरीय स्वास्थ्य मेले हेतु अपील…
औरमहाराष्ट्रीयन थाली
प्रकाशन तिथि: 09/07/2019महाराष्ट्रियन थालि में महाराष्ट्र राज्य के पारंपरिक रूप से तैयार व्यंजन शामिल हैं। एक विशिष्ट वेजिटेरियन मेनू में अलग-अलग आटे, सब्जियों, दाल, अचार और अन्य मसालों, पेय और मिठाई के साथ बनाई गई कोशिंबिर, आमटी या वरन शामिल हैं।
औरताप्ती उदगम
प्रकाशन तिथि: 06/07/2019मुलताई नगर म.प्र. ही नही बल्कि पूरे देश मे पुण्य सलिला माँ ताप्ती के उदगम के रूप मे प्रसिद्ध है । पहले इसे मूलतापी के रुप में जाना जाता था । यहां दूर-दूर से लोग दर्शनों के लिए आते है । यहां सुन्दर मंदिर है । ताप्ती नदी की महिमा की जानकारी स्कंद पुराण में […]
औरबालाजीपुरम
प्रकाशन तिथि: 04/07/2019बालाजी पुरम भगवान बालाजी के विशाल मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान बैतूल बाजार नगर पंचायत के अंतर्गत आता है। जिला मुख्यालय बैतूल से केवल 7 किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग 69 पर स्थित है। इसकी ख्याति दिन-प्रतिदिन फैलती जा रही है। यही कारण है कि आप इसे किसी भी मौसम में देखने […]
औरसालबर्डी
प्रकाशन तिथि: 04/07/2019सालबर्डी में भगवान शिव की गुफा है। यहां प्रतिवर्ष शिवरात्रि पर विशाल मेला लगता है एक सप्ताह तक चलने वाले इस मेले में प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते है। यह स्थल बैतूल जिले के विकासखंड प्रभातपटटन की ग्राम पंचायत सालवर्डी के अंतर्गत सिथत है। सालवर्डी बैतल की तहसील मुलताई और महाराष्ट्र के अमरावती […]
औरमुक्तागिरि
प्रकाशन तिथि: 04/07/2019बैतूल जिले के विकासखण्ड भैसदेही की ग्राम पंचायम थपोडा में सिथत है महान जैन तीर्थ मुक्तागिरी। मुक्तागिरी अपनी सुन्दरता, रमणीयता और धार्मिक प्रभाव के कारण लोगों को अपनी और आकर्षित करता है। इस स्थान पर दिगम्बर जैन संप्रदाय के 52 मंदिर है। इन मंदिरों का तथा क्षेत्र का संबंध श्रेणीक विम्बसार से बताया जाता है। […]
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