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मुक्तागिरि

श्रेणी धार्मिक

बैतूल जिले के विकासखण्ड भैसदेही की ग्राम पंचायम थपोडा में सिथत है महान जैन तीर्थ मुक्तागिरी। मुक्तागिरी अपनी सुन्दरता, रमणीयता और धार्मिक प्रभाव के कारण लोगों को अपनी और आकर्षित करता है। इस स्थान पर दिगम्बर जैन संप्रदाय के 52 मंदिर है। इन मंदिरों का तथा क्षेत्र का संबंध श्रेणीक विम्बसार से बताया जाता है। यहां मंदिर में भगवान पाश्र्वनाथ की सप्तफणिक प्रतिमा स्थापित है जो शिल्पकार का बेजोड नमूना है। इस क्षेत्र में सिथत एक मानस्तंभ, मनकों शांति और सुख देने वाला है। निर्वाण क्षेत्र में आने वाले प्रत्येक व्यकित को यहां आकर सुकून मिलता है। यही कारण है कि देश में कोने कोने से जैन धर्मावलंबी ही नहीं दूसरे धर्मो को मानने वाले लोग भी मुक्तागिरी आते है। जिला मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग 102 किलोमीटर है। सतपुड़ा के जंगलों में सिथत होने के कारण अनेक हिसंग पशु भी रहते पर उन्होंने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया यह सिद्ध क्षेत्र का प्रताप है। सिद्ध क्षेत्र मुक्तागिरी से साढे तीन करोड़ मुनियों ने मोक्ष प्राप्त किया है। जिसका वर्णन जैन पर्व के निर्वाण काण्ड की गाथा बीस में उल्लेखित है।

फोटो गैलरी

  • झरना
  • सभी मंदिर

कैसे पहुंचें:

वायु मार्ग

निकटतम हवाई अड्डा नागपुर और भोपाल

रेल द्वारा

निकटतम रेल्वे स्टेशन बैतूल

सड़क के द्वारा

जिला मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग 102 किलोमीटर है।