ताप्ती महोत्सव
- कब मनाया जाता है: July
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महत्व:
मुलताई नगर म.प्र. ही नही बलिक पूरे देश मे पुण्य सलिला मा ताप्ती के उदगम के रूप मे प्रसिद्धता है । पहले इसे मूलतापी के रुप में जाना जाता था । प्रतिवर्ष अषाढ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को ताप्ती जन्मोत्सव मनाया जाता है। यहां दूर-दूर से लोग दर्शनों के लिए आते है । यहां सुन्दर मंदिर है । ताप्ती नदी की महिमा की जानकारी स्कंद पुराण में मिलती है । स्कंद पुराण के अंतर्गत ताप्ती महान्त्म्य का वर्णन है। धार्मिक मान्यता के अनुसार मा ताप्ती सूर्यपुत्री और शनि की बहन के रुप में जानी जाती है । यही कारण है कि जो लोग शनि से परेशान होते है उन्हे ताप्ती से राहत मिलती है । ताप्ती सभी की ताप कष्ट हर उसे जीवन दायनी शकित प्रदान करती है श्रद्धा से इसे ताप्ती गंगा भी कहते है । दिवंगत व्यकितयों की असिथयों का विसर्जन भी ताप्ती में करते है । म.प्र. की दूसरी प्रमुख नदी है । इस नदी का धार्मिक ही नही आर्थिक सामाजिक महत्व भी है । सदियों से अनेक सभ्यताएं यहां पनपी और विकसित हुर्इ है । इस नदी की लंबाई 724 किलोमीटर है । यह नदी पूर्व से पशिचम की और बहती है इस नदी के किनारे बरहापुर और सूरत जैसे नगर बसे है । ताप्ती अरब सागर में खम्बात की खाडी में गिरती है ।