हस्तशिल्प
टिगरिया कला
बैतूल जिले में मध्य प्रदेश के धातु शिल्प को भरने की विधि या प्राचीन साइर-पेर्ड प्रक्रिया द्वारा किया जाता है। विभिन्न बर्तनों, जानवरों, पक्षियों और अन्य उपयोगी वस्तुओं को बनाया जाता है।इन दिनों बैतूल के समीपस्थ ग्राम टिगरिया में हस्तकला की कई गतिविधियां चल रही है। जऱी ज़रदोज़ी, काष्ठ शिल्प, ढोकरा शिल्प आदि कार्यशालाओं में अलग-अलग कलात्मक वस्तुओं को बनाया जा रहा है, जिसमें ज़री के बटुओं को विशेष तौर पर तैयार किया जा रहा है। इन बटुओं की मांग भारत ही नहीं विदेश में भी है। ये कलात्मक बटुए टिगरिया की पहचान बनाने वाले हैं। बटुओं की डिजाइन विशेष रूप से भोपाल से आए हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार कराई जा रही है। ये बटुए, पर्स हस्तकला प्रेमियों द्वारा बहुत पसंद किए जाते हैं। वे लोग उपहार स्वरूप अपने लोगों को ये बटुए भेंट करते हैं। बटुओं के साथ-साथ कुशन कवर, वॉल हेंगिंग, टीकोजी आदि का निर्माण भी यहां कराया जा रहा है।
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धातु शिल्प
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कडाई का काम
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लकडी का काम