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नंदी शाला योजना

दिनांक : 01/01/2014 - | सेक्टर: ग्रामीण

ग्रामीण क्षेत्रो की स्थानीय अवर्णित/श्रेणीकृत,गौ वंशीय पशुओ की नस्ल सुधार हेतु देशी वर्णित नस्ल के सांडो का प्राकृतिक गर्भाधान संेवाये हेतु पशुपालको को अनुदान आधार पर प्रदाय ।
ग्राम पंचायत स्तर पर प्रगतिशील पशुपालकों को अनुदान पर देशी वर्णित नस्ल गौ-सांड यथा साहीवाल,थरपारकर,हरियाणा,गिर,गौलव,मालवी,निमाडी,केनकथा आदि नस्ल के प्रदाय । ।योजना प्रदेश के सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्र के लिए लागू ।
अधिक जानकारी के लिये देखे http://www.mpdah.gov.in/

लाभार्थी:

सभी वर्ग के पशुपालक जिनके पास पर्याप्त कृषि भूमि के साथ न्यूनतम 5 गौवंशीय पशुधन या जिनके पास कृषि भूमि नही है किन्तु 20 या उससे अधिक पशु है।

लाभ:

हितग्राही सभी वर्ग के पशुपालक जिनके पास पर्याप्त कृषि भूमि के साथ न्यूनतम 5 गौवंशीय पशुधन या जिनके पास कृषि भूमि नही है किन्तु 20 या उससे अधिक पशु है। योजना इकाई एक देशी वर्णित नस्ल गौ-सांड यथा साहीवाल,थारपारकर,हरियाणा,गिर,गौलव,मालवी,निमाडी,केनकथा आदि नस्ल के प्रदाय । प्रदायित सांड के प्रथम 60 दिवस के लिए पशु आहार इकाई लागत प्रदेश के बाहर के देशी वर्णित गौ-सांड की इकाई लागत (परिवहन, पशु बीमा, प्रदायित सांड के प्रथम 60 दिवस के लिए पशु आहार, प्रशिक्षण बुकलेट एवं माॅनिटरिंग कार्ड सहित) रू. 25720.00 प्रदेश के नस्ल के देशी वर्णित गौ-सांड की इकाई लागत रू 18260.00 अनुदान प्रति इकाई अनुदान 75 प्रतिशत सभी वर्ग के पशुपालक.हितग्राही अंशदान 25 प्रतिशत |

आवेदन कैसे करें

आवेदक संबंधित ग्राम पंचायत को आवेदन पत्र प्रस्तुत करेगा ।खण्ड स्तरित पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी संबंधित जनपद पंचायत मे आवेदनों पर अनुमोदन प्राप्त करेगा।उपसंचालक प्राप्त प्रकरणों को उपलब्ध बजट अनुसार जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति में अनुमोदनार्थ प्रस्तुत कर अनुमोदन प्राप्त करेगा।चयन¨पराँत पशु चिकित्सा विभाग से अनुबंध करना अनिवार्य होगा।अन्य शर्ते जो विभाग द्वारा लागू की गई है।