नि:शक्तजनों हेतु विवाह प्रोत्साहन योजना
परिचय
निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जनकल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ-3-42/2008/26-2, दिनांक 12-08-2008 से प्रारम्भ की गई है। यह योजना निःशक्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 के नियम 1997 के प्रावधान अनुसार निःशक्त व्यक्तियों के सामाजिक पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिये है।
उदेद्श
निःशक्तजनों काे विवाह हेतु प्रोत्साहित करने एवं निःशक्त व्यक्तियों के सामाजिक पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लियेनिःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना प्रारंभ की गई हैा
अधिक जानकारी विभाग की वेबसाईट से प्राप्त की जा सकती है :- http://socialjustice.mp.gov.in/
लाभार्थी:
निःशक्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम,1995 की धारा-२ में वर्णित परिभाषा अनुसार 40 % या उससे अधिक निःशक्तता हो। मध्यप्रदेश का निवासी हो। न्यूनतम आयु- आवेदक के लिये 21 वर्ष तथा आवेदिका के लिये 18 वर्ष की आयु पूर्ण हो गई हो। विवाह धार्मिक रीति/सामाजिक रीति या सक्षम न्यायालय द्वारा कानूनी रूप से विहित किया गया हो। आवेदक/आवेदिका आयकरदाता न हो।
लाभ:
युवक के निःशक्त होने पर सामान्य युवती से तथा युवती के निःशक्त होने पर सामान्य युवक से विवाह होने पर राशि रू० 2.00 लाख प्रोत्साहन राशि। युवक एवं युवती दोनों के निःशक्त होने पर संयुक्त रुप से दम्पत्ति को रु० 1.00 लाख सहायता राशि दी जावेगी।
आवेदन कैसे करें
निर्धारित प्रारूप में आवेदन निम्नांकित दस्तावेज के साथ संयुक्त संचालक/उप संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण के कार्यालय अथवा जनपद पंचायत, नगरीय निकायों में जमा किये जायेंगे।
सक्षम चिकित्सक द्वारा निर्धारित प्रारूप में जारी किया गया निःशक्तता प्रमाण पत्र,
निवास सम्बन्धी प्रमाण पत्र,
विवाह सम्बन्धी प्रमाण पत्र जिसमें विवाह धार्मिक रीति एवं सामाजिक रीति से किये गये विवाह का कोर्ट तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि यथा – माननीय सांसद, माननीय विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद पंचायत के अध्यक्ष, महापोर, अध्यक्ष नगर पालिका/नगर निगम, सरपंच, राजस्व अधिकारी द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र
आवेदन पत्र के साथ पासपोर्ट साइज के दो-दो फोटो (दम्पती के ) ।